भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम हमेशा लोगों के मन में चर्चा का विषय रहते हैं। हर सुबह जब पेट्रोल पंप के बाहर रेट बोर्ड देखा जाता है तो दिल में एक सवाल जरूर उठता है कि आज कीमत बढ़ी या घट गई। आम जनता की जेब पर इसका सीधा असर पड़ता है, क्योंकि चाहे गाड़ी से ऑफिस जाना हो या सब्जी लाने जाना, पेट्रोल और डीजल का खर्चा अब हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।
आज का पेट्रोल डीजल रेट देशभर में स्थिर
आज देश के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94 रुपये 77 पैसे प्रति लीटर और मुंबई में 103 रुपये 50 पैसे प्रति लीटर है। चेन्नई में आज पेट्रोल 100 रुपये 91 पैसे और कोलकाता में 105 रुपये 41 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है। डीजल की कीमतें भी इसी तरह स्थिर बनी हुई हैं। पिछले कई महीनों से सरकार ने टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है, जिसके कारण कीमतें लंबे समय से एक जैसी बनी हुई हैं।
क्यों नहीं बदल रहे पेट्रोल और डीजल के दाम
अक्सर लोग सोचते हैं कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के भाव घटते या बढ़ते हैं तो भारत में दाम क्यों नहीं बदलते। दरअसल पेट्रोल की कीमत केवल कच्चे तेल पर निर्भर नहीं करती बल्कि इसमें टैक्स और एक्साइज ड्यूटी का भी बड़ा रोल होता है। भारत में पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स मिलाकर लगभग 45 से 50 प्रतिशत तक कीमत बनती है। इस कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदलाव का पूरा असर उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाता।
किन शहरों में आज क्या है रेट
देश के बड़े शहरों में आज पेट्रोल की कीमतें इस प्रकार है, दिल्ली 94 रुपये 77 पैसे प्रति लीटर, मुंबई 103 रुपये 50 पैसे प्रति लीटर, चेन्नई 100 रुपये 91 पैसे प्रति लीटर, कोलकाता 105 रुपये 41 पैसे प्रति लीटर, लखनऊ 94 रुपये 69 पैसे प्रति लीटर, जयपुर 104 रुपये 72 पैसे प्रति लीटर, हैदराबाद 107 रुपये 46 पैसे प्रति लीटर, केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 107 रुपये 48 पैसे प्रति लीटर, डीजल के दाम भी लगभग इन्हीं शहरों में इसी अनुपात में हैं।
पेट्रोल डीजल के भाव की भविष्य की उम्मीदें
जब पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर रहते हैं तो लोगों को थोड़ी राहत महसूस होती है। ट्रांसपोर्ट का खर्च स्थिर रहता है और महंगाई पर भी थोड़ा नियंत्रण रहता है। हालांकि अगर आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो भारत में भी रेट बढ़ सकते हैं। सरकार की कोशिश रहती है कि आम जनता पर ज्यादा बोझ न पड़े, लेकिन टैक्स वसूली के कारण कीमतें एक निश्चित स्तर से नीचे नहीं आतीं जाती रहती हैं।