महंगाई की मार से जूझ रहे सरकारी कर्मचारियों के लिए आखिरकार राहत की खबर आई है। सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता यानी DA 6 प्रतिशत बढ़ा दिया है। यह फैसला उन लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो बढ़ती महंगाई से परेशान थे। हर महीने की तनख्वाह के साथ मिलने वाला यह अतिरिक्त भत्ता अब उनके घर के खर्चों में बड़ी मदद करेगा सरकार ने यह कदम कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उठाया है। खाने पीने की चीजों से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक सबकुछ महंगा हो चुका है। ऐसे में यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के जीवन में एक नई ऊर्जा और राहत लेकर आएगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के कर्मचारियों की मांग को स्वीकार करते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है। काफी समय से कर्मचारी संगठनों की ओर से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग की जा रही थी। सरकार ने आखिरकार इस मांग पर सहमति जताते हुए कर्मचारियों के लिए 6 प्रतिशत DA वृद्धि की घोषणा की इस निर्णय से पांचवें, छठे और सातवें वेतनमान वाले कर्मचारियों को अलग-अलग दरों पर लाभ मिलेगा। पांचवें वेतनमान के तहत आने वाले कर्मचारियों को अब 466 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा जबकि पहले यह 455 प्रतिशत था। वहीं छठे वेतनमान के कर्मचारियों को 246 प्रतिशत से बढ़ाकर 252 प्रतिशत किया गया है। यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2025 से लागू कर दी गई है यह फैसला साबित करता है कि सरकार अपने कर्मचारियों को केवल काम करने वाला हिस्सा नहीं बल्कि अपने परिवार का अंग मानती है। जब कर्मचारी आर्थिक रूप से सशक्त होते हैं तो उनका मनोबल भी बढ़ता है जिससे वे और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा पाते हैं।
कर्मचारियों को मिलेगी आर्थिक राहत
महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी। अब उन्हें महीने के खर्च पूरे करने में पहले की तुलना में आसानी होगी। जरूरत की चीजें खरीदना, बिजली पानी के बिल भरना और बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना थोड़ा सरल हो जाएगा यह निर्णय न सिर्फ कर्मचारियों के लिए बल्कि पेंशनधारकों के लिए भी फायदेमंद है। जो लोग वर्षों तक सरकारी सेवा में रहे और अब पेंशन पर जीवन गुजार रहे हैं उनके लिए यह अतिरिक्त भत्ता उनके खर्चों को संतुलित करने में मदद करेगा इसके साथ ही सरकार का यह कदम आने वाले समय में कर्मचारियों के मनोबल को मजबूत करेगा। वे यह महसूस करेंगे कि सरकार उनकी समस्याओं को समझती है और उनके हित में काम कर रही है।