दिल्ली मेट्रो में सफर करने वालों पर आई आफत, सरकार के द्वारा जारी हुआ नया नियम। Delhi Metro Update

हर दिन लाखों लोग दिल्ली मेट्रो से सफर करते हैं क्योंकि यह सबसे सस्ता, तेज और भरोसेमंद साधन माना जाता है। लेकिन अब सरकार और डीएमआरसी के नए फैसले ने आम यात्रियों की जेब पर सीधा असर डाल दिया है। अगस्त के आखिर में जारी आदेश के बाद सितंबर से मेट्रो का किराया बढ़ा दिया गया है जिससे रोजाना आने जाने वाले लोगों के खर्चे बढ़ गए हैं।

नया किराया लागू होने से यात्रियों की चिंता बढ़ी

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने 25 अगस्त 2025 से नई किराया दरें लागू कर दी हैं। अब छोटी दूरी के सफर पर भी यात्रियों को 1 रुपये से 4 रुपये तक ज्यादा देना पड़ रहा है। एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर यह बढ़ोतरी और भी ज्यादा की गई है जहां 1 रुपये से लेकर 5 रुपये तक का अंतर आया है। पहले न्यूनतम किराया 10 रुपये था जो अब 11 रुपये कर दिया गया है जबकि अधिकतम किराया 60 रुपये से बढ़ाकर 64 रुपये कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी देखने में छोटी लग सकती है लेकिन जो लोग रोज मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए यह हर महीने का बजट बिगाड़ सकती है।

डीएमआरसी का दावा मामूली बढ़ोतरी का

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने अपने बयान में कहा है कि यह बढ़ोतरी बहुत मामूली है और इससे यात्रियों पर बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा। डीएमआरसी का कहना है कि यह फैसला रखरखाव और सेवा सुधार के लिए जरूरी था ताकि मेट्रो यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके। हालांकि लोगों का कहना है कि जब पेट्रोल, गैस और दूसरी चीजों के दाम पहले से बढ़े हुए हैं, ऐसे में मेट्रो किराए में बढ़ोतरी आम आदमी पर दोहरी मार की तरह है। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई है और कहा है कि हर बार खर्च बढ़ने का असर सिर्फ आम जनता को झेलना पड़ता है।

स्मार्ट कार्ड धारकों को थोड़ी राहत

जो यात्री मेट्रो का स्मार्ट कार्ड इस्तेमाल करते हैं उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। ऐसे यात्रियों को किराए पर 10 प्रतिशत की छूट पहले की तरह मिलती रहेगी। इसके अलावा ऑफ पीक टाइम यानी सुबह आठ बजे से पहले, दोपहर बारह से शाम पांच बजे तक और रात नौ बजे के बाद यात्रा करने वालों को अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यानी अगर कोई व्यक्ति समय का सही चुनाव करता है तो वह किराए में लगभग 20 प्रतिशत तक की बचत कर सकता है। हालांकि सभी यात्रियों के लिए यह समय चुनना आसान नहीं होता क्योंकि ऑफिस और स्कूल टाइम इन्हीं घंटों में पड़ते हैं।

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