LIC FD Scheme : LIC के नए FD स्कीम में 1 लाख जमा करने पर हर महीने ₹4682 मिलेगा।

अगर आप ऐसा निवेश ढूंढ रहे हैं जिसमें पैसा सुरक्षित रहे और हर महीने तय आमदनी भी मिले तो एलआईसी की फिक्स डिपॉजिट स्कीम आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। एलआईसी यानी भारतीय जीवन बीमा निगम देश की सबसे भरोसेमंद संस्थाओं में से एक मानी जाती है। बहुत से लोग इसे सिर्फ बीमा कंपनी समझते हैं लेकिन एलआईसी निवेश की कई योजनाएं भी चलाती है जिनमें से एक है LIC FD Scheme जो सुरक्षित निवेश और बढ़िया ब्याज दर के लिए जानी जाती है।

एलआईसी एफडी स्कीम क्या है

एलआईसी एफडी स्कीम असल में LIC Housing Finance Limited के तहत शुरू की गई एक कॉर्पोरेट फिक्स डिपॉजिट योजना है। यह उन निवेशकों के लिए बनाई गई है जो तय रिटर्न और भरोसेमंद निवेश चाहते हैं। इस योजना में न्यूनतम निवेश राशि एक लाख रुपए रखी गई है जबकि अधिकतम राशि की कोई सीमा तय नहीं है। इस एफडी पर ब्याज दर 7.25 प्रतिशत से 7.75 प्रतिशत तक दी जाती है और वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त 0.25 प्रतिशत ब्याज का लाभ मिलता है। निवेश अवधि एक साल से लेकर पांच साल तक रखी गई है। एलआईसी की यह योजना सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसमें कंपनी की साख और स्थिरता का भरोसा जुड़ा है।

ब्याज दर और हर महीने की आमदनी

एलआईसी एफडी स्कीम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें निवेशक को ब्याज हर महीने मिलता है। इसका मतलब है कि जो लोग अपनी नियमित मासिक आमदनी बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए यह योजना बिल्कुल उपयुक्त है। मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति दो लाख रुपए का निवेश करता है और ब्याज दर 7.8 प्रतिशत है तो उसे हर महीने लगभग तेरह हजार रुपए तक की आमदनी मिल सकती है। इस तरह यह योजना खासकर रिटायर्ड लोगों और नियमित इनकम चाहने वालों के बीच काफी लोकप्रिय है। एलआईसी अपने ग्राहकों को तय तारीख पर ब्याज भुगतान करती है जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं होती।

टैक्स में लाभ और समय से पहले निकासी

एलआईसी की फिक्स डिपॉजिट स्कीम में टैक्स छूट का फायदा भी दिया गया है। अगर कोई निवेशक पांच साल के लिए पैसा जमा करता है तो उसे आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट मिल सकती है। इसके अलावा अगर किसी का ब्याज आय चालीस हजार रुपए से कम है तो वह फॉर्म 15G या 15H भरकर टीडीएस से बच सकता है। जरूरत पड़ने पर निवेशक अपनी एफडी तीन महीने के बाद तोड़ सकता है लेकिन इससे ब्याज दर थोड़ी घट सकती है। अगर कोई व्यक्ति छह महीने से पहले एफडी तोड़ता है तो उसे ब्याज का फायदा नहीं मिलेगा।

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